Computer

History and Development of Computer

कंप्यूटर का इतिहास और विकास

आज हम जानने वाले हैं कंप्यूटर के इतिहास (History of computer in hindi) के बारे में हम जानेंगे कि कंप्यूटर कब, क्यों ,कैसे बना और कंप्यूटर को बनाने वाले कौन थे तो मैं आपको बताना चाहता हूं कंप्यूटर आज से लगभग 3000 वर्ष पुराना है आज जो आप कंप्यूटर देख रहे हैं वह पहले के कंप्यूटर से बहुत भिन्न है पहले जो

कंप्यूटर होते थे वह इस तरह नहीं होते थे .पहले के कंप्यूटर सिर्फ बड़ी बड़ी संख्या का गणना करने के लिए बनाए गए थे. बड़ी-बड़ी संख्याओं का गणना करने के लिए पहले के कंप्यूटर बने थे लेकिन बहुत कठोर प्रयास के बाद आप जो कंप्यूटर आज यूज करते हैं वह कंप्यूटर बन पाया कंप्यूटर के बनने की इस प्रक्रिया में विभिन्न प्रकार के प्रणालियों की उत्पत्ति हुई जैसे कि बेबीलोनियन प्रणाली, यूनानी प्रणाली, और रोमन प्रणाली और भारतीय प्रणाली मैं आपको बता दू इन में जितनी प्रणाली है सब पीछे छूट गए और भारतीय प्रणाली सबको पीछे छोड़ कर आगे निकल गई भारत के खगोल शास्त्री और गणितज्ञ आर्यभट्ट ने दशमलव प्रणाली का विकास किया था.

जो कंप्यूटर आप अपने सामने देख रहे हैं उसको आए सिर्फ 50 साल ही हुए हैं लेकिन इस कंप्यूटर के विकास का इतिहास बहुत पुराना है कंप्यूटर हमारे जीवन में हर पहलू पर किसी ना किसी तरह प्रयोग किया जाता है पिछले चार दशकों में कंप्यूटर ने हमारे जीने का तरीका ही बदल दिया है. तो आज हम इस पोस्ट के में जानेंगे कि कंप्यूटर का इतिहास (history of computer in hindi) और विकास क्या है.

Abacus (अबेकस)

अबेकस- 3000 वर्ष पूर्व:- सबसे पहला कंप्यूटर अबेकस को ही माना जाता है जिसे 3000 वर्ष पूर्व 16वीं शताब्दी में चीन के वैज्ञानिक ली काई चैन  द्वारा बनाया गया. अबेकस लकड़ी का एक आयताकार ढांचा होता था जिसके अंदर तारों का फ्रेम लगा होता था और उस तार  के फ्रेम पर मोतिया लगी होती थी. तारों पर खीसका कर गणना की जाती थी आपने शायद अबेकस को अपने पास -पड़ोस में देखा होगा किसी स्कूल में पढने वाले बच्चे के पास .

अबेकस के कार्य:- अबेकस मुख्य रूप से जोड़ने घटाने के लिए प्रयोग किया जाता था कभी कभी इश्क अली के लिए भी किया जा सकता था.

अबेकस की विशेषताएं:-  अबेकस की विशेषताएं है कि अबेकस  सबसे पहला सरल यंत्र है जिसे हम पहला कंप्यूटर भी कहते हैं.

नेपियर बोंस

नेपियर बोंस- 1617 ई.:- 1617 ई. में नेपियर बोंस को बनाया गया यह जानवरों की हड्डियों से बने आयताकार पट्टी होती थी इस आयताकार पट्टियों पर 0 से लेकर 9 तक पहाड़े इस प्रकार लिखे  होते थे कि एक

पट्टी के दहाई के अंक दूसरी पत्ती के इकाई के अंकों के पास आ जाते थे . नेपियर बोंस को स्कॉटलैंड के वैज्ञानिक जॉन नेपियर ने तैयार किया था.

जॉन नेपियर के कार्य:- जॉन नेपियर गणना अत्यंत शीघ्र पूर्वक करता था.और जॉन नेपियर द्वारा गुणात्मक परिणाम ग्राफिकल संरचना द्वारा दिखाया जाता था.

जॉन नेपियर की विशेषताएं:- जॉन नेपियर को raabdologiya भी कहते थे.

स्लाइड रूल

स्लाइड रूल- 1620ई.:- जर्मनी के वैज्ञानिक विलियम ऑटोरेड  द्वारा जॉन नेपियर को 1620 ई.  में बनाया गया इसमें दो प्रकार की चिन्हित किए हुए पटिया होती थी जिन्हें बराबर में रखकर आगे पीछे करके लघुगणक की क्रिया संपन्न होती थी .

स्लाइड रूल के कार्य:- स्लाइड रूल लघुगणक के आधार पर सरलता से गणना कर सकता था

Blase Pascal (ब्लेज पास्कल)

शताब्दियों के बाद अनेक अन्य यांत्रिक मशीने अंकों की गणना के लिए विकसित की गई । 17 वी शताब्दी में फ्रांस के गणितज्ञ ब्लेज पास्कल (Baize Pascal) ने एक यांत्रिक अंकीय गणना यंत्र (Mechanical Digital Calculator) सन् 1645 में विकसित किया गया । इस मशीन को एंडिंग मशीन (Adding Machine) कहते थे, क्योकि यह केवल जोड़ या घटाव कर सकती थी । यह मशीन घड़ी और ओडोमीटर के सिद्धान्त पर कार्य करती थी ।  उसमें कई दाँतेयुक्त चकरियाँ (toothed wheels) लगी होती थी जो घूमती रहती थी चक्रियों के दाँतो पर 0 से 9 तक के अंक छपे रहते थे प्रत्येक चक्री का एक स्थानीय मान होता था जैसे –इकाई, दहाई, सैकड़ा आदि इसमें एक चक्री के घूमने के बाद दूसरी चक्री घूमती थी Blase Pascal की इस Adding Machine को Pascaline भी कहते हैं|

Jacquard’s Loom

सन् 1801 में फ्रांसीसी बुनकर (Weaver) जोसेफ जेकार्ड (Joseph Jacquard) ने कपड़े बुनने के ऐसे लूम (Loom) का अबिष्कार किया जो कपड़ो में डिजाईन (Design)  या पैटर्न (Pattern) को कार्डबोर्ड के छिद्रयुक्त पंचकार्डो से नियंत्रित करता था | इस loom की  विशेषता यह थी  की यह कपडे के Pattern को Cardboard  के छिद्र युक्त पंचकार्ड से नियंत्रित करता था पंचकार्ड पर चित्रों की उपस्थिति अथवा अनुपस्थिति द्वारा धागों को निर्देशित किया जाता था|

Charles Babbage

कप्यूटर के इतिहास में 19 वी शताब्दी को प्रारम्भिक समय का स्वर्णिम युग माना जाता है । अंग्रेज गणितज्ञ Charles Babbage ने एक यांत्रिक गणना मशीन (Mechanical Calculation Machine) विकसित करने की आवश्यकता तब महसूस की जब गणना के लिए बनी हुई सारणियों  में Error आती थी चूँकि यह Tables हस्त निर्मित (Hand-set) थी इसलिए इसमें Error आ जाती थी |

चार्ल्स बैबेज ने सन् 1822 में एक मशीन का निर्माण किया जिसका व्यय ब्रिटिश सरकार ने वहन किया । उस मशीन का नाम डिफरेंस इंजिन (Difference Engine) रखा गया, इस मशीन में गियर और साफ्ट लगे थे । यह भाप से चलती थी । सन् 1833 में Charles Babbage ने Different Engine का विकसित रूप Analytical Engine तैयार किया जो बहुत ही शक्तिशाली मशीन थी | बैवेज का कम्प्यूटर के विकास में बहुत बड़ा योगदान रहा हैं । बैवेज का एनालिटिकल इंजिन आधुनिक कम्प्यूटर का आधार बना और यही कारण है कि चार्ल्स बैवेज को कमप्यूटर विज्ञान का जनक कहा जाता हैं |

Dr. Howard Aiken’s Mark-I

सन् 1940 में विद्युत यांत्रिक कम्प्यूटिंग (Electrometrical Computing) शिखर पर पहुँच चुकी थी ।IBM के चार शीर्ष इंजीनियरों व डॉ. हॉवर्ड आइकेन ने सन् 1944 में एक मशीन विकसित किया यह विश्व का सबसे पहला “विधुत यांत्रिक कंप्यूटर” था  और इसका official Name– Automatic Sequence Controlled Calculator रखा गया। इसे हार्वर्ड विश्वविद्यालय को सन् 1944 के फरवरी माह में भेजा गया जो विश्वविद्यालय में 7 अगस्त 1944 को प्राप्त हुआ | इसी विश्वविद्यालय में इसका नाम मार्क- I पड़ा| यह 6 सेकंड में 1 गुणा व 12 सेकंड में 1 भाग कर सकता था|

A.B.C. (Atanasoff – Berry Computer) 

सन् 1945 में एटानासोफ़ (Atanasoff) तथा क्लोफोर्ड बेरी (Clifford berry) ने एक इलेक्ट्रॉनिक मशीन का विकास किया जिसका नाम ए.बी.सी.(ABC) रखा गया| ABC शब्द Atanasoff Berry Computer का संक्षिप्त रूप हैं | ABC सबसे पहला इलेक्ट्रॉनिक डिजिटल कंप्यूटर (Electronic Digital Computer) था |

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