Biography

महान अर्थशास्त्री अमर्त्य सेन की जीवनी – Amartya Sen Biography in Hindi

अमर्त्य सेन (जन्म: ३ नवंबर, १९३३) अर्थशास्त्री है, उन्हें १९९८ में अर्थशास्त्र के नोबल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। संप्रति वे हार्वड विश्वविद्यालय (अमरीका) में प्राध्यापक हैं। वे जादवपुर विश्वविद्यालय, दिल्ली स्कूल ऑफ इकानामिक्स और ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय में भी शिक्षक रहे हैं। सेन ने एम.आई.टी., स्टैनफोर्ड, बर्कली और कॉरनेल विश्वविद्यालयों में अतिथि अध्यापक के रूप में भी शिक्षण किया है।

जीवन

उनका जन्म कोलकाता में शांति निकेतन में कायस्थ परिवार में हुआ था, जहाँ उनके नाना क्षिति मोहन सेन शिक्षक थे। उनके पिता आशुतोष सेन ढाका विश्वविद्यालय में रसायन शास्त्र पढ़ाते थे। कोलकाता स्थित शांति निकेतन और प्रेसीडेंसी कॉलेज से पढ़ाई पूर्ण करने के बाद उन्होंने कैम्ब्रिज के ट्रिनीटी कॉलेज से शिक्षा प्राप्त की। अपने जीवन के कुछ वर्ष उन्होंने मांडले (बर्मा में स्थित) में भी बिताए और उनकी प्रारम्भिक शिक्षा ढाका में हुई। उन्हें वर्ष १९९८ में अर्थशास्त्र का नोबल सम्मान मिला और १९९९ में भारत रत्न से सम्मनित किया गया। 2019 – Bodale medal from Oxford University.

प्रारंभिक जीवन और शिक्षा

महान अर्थशास्त्री अमर्त्य सेन का जन्म मणिकगंज (ब्रिटिश भारत में, अब बांग्लादेश में) में एक बंगाली कायस्थ परिवार में, आशुतोष सेन और अमिता सेन के घर हुआ था। रवींद्रनाथ टैगोर ने इनका नामकरण अमर्त्य (बंगाली अमर्त्य ômorto, lit “अमर”) किया। उनके पिता आशुतोष सेन ढाका विश्वविद्यालय में रसायन शास्त्र के प्रोफेसर थे, जो 1 945 में अपने परिवार के साथ पश्चिम बंगाल में बस गए थे। सेन की मां अमिता सेन प्राचीन और मध्ययुगीन भारत के एक प्रसिद्ध विद्वान और रवींद्रनाथ टैगोर के निकट सहयोगी क्षितिजमोहन सेन की बेटी थीं। उन्होंने कुछ वर्षों के लिए विश्वभारती विश्वविद्यालय के कुलपति के रूप में सेवा की।

व्यावसायिक कैरियर

सेन ने अपने कैरियर की शुरुआत एक शिक्षक और अनुसंधान विद्वान के तौर पर अर्थशास्त्र विभाग, जादवपुर विश्वविद्यालय से किया। 1960 और 1961 के बीच सेन, संयुक्त राज्य अमेरिका में मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में एक विजिटिंग प्रोफेसर थे, जहां उन्हें पॉल सैमुएलसन, रॉबर्ट सोलो, फ्रेंको मोडिग्लिनी, और नॉर्बर्ट वीनर के बारे में पता चला। वे यूसी-बर्कले और कॉर्नेल में भी विजिटिंग प्रोफेसर प्रोफेसर थे।

उन्होंने 1963 और 1971 के बीच दिल्ली स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स में अर्थशास्त्र के प्रोफेसर के रूप में पढ़ाया। सेन बहुत सारे प्रतिष्ठित अर्थशास्त्र के विद्वान् के सहयोगी भी रह चुके हैं जिनमे मनमोहन सिंह (भारत के पूर्व प्रधान मंत्री और भारतीय अर्थव्यवस्था को उदार बनाने के लिए जिम्मेदार एक अनुभवी अर्थशास्त्री) केएन राज (विभिन्न प्रधान मंत्रियों के सलाहकार और एक अनुभवी अर्थशास्त्री जो सेंटर फॉर डेवेलपमेंट स्टडीज के संस्थापक थे) और जगदीश भगवती है। 1987 में वे हार्वर्ड में इकॉनॉमिक्स के थॉमस डब्ल्यू. लैंट यूनिवर्सिटी प्रोफेसर के रूप में शामिल हो गए।

नालंदा विश्वविद्यालय प्रोजेक्ट

नालंदा जो 5 वीं शताब्दी से लेकर 1197 तक उच्च शिक्षा का एक प्राचीन केंद्र था। इसको पुनः चालु किया गया एवं 19 जुलाई 2012 को, सेन को प्रस्तावित नालंदा विश्वविद्यालय (एनयू) के प्रथम चांसलर के तौर पर नामित किया गया था। इस विश्वविद्यालय में अगस्त 2014 में अध्यापन का कार्य शुरू हुआ था। 20 फरवरी 2015 को अमर्त्य सेन ने दूसरे कार्यकाल के लिए अपनी उम्मीदवारी वापस ले ली।

निजी जिन्दगी और विश्वास

महान अर्थशास्त्री अमर्त्य सेन की तीन बार शादी हुई है उनकी पहली पत्नी नबाणीता देव सेन, एक भारतीय लेखक और विद्वान थी। जिनसे उनकी दो बेटियां थीं: अंतरा( एक पत्रकार और प्रकाशक) और नंदना, एक बॉलीवुड अभिनेत्री। 1971 में लंदन जाने के तुरंत बाद उनकी शादी टूट गई। 1978 में सेन ने इतालवी अर्थशास्त्री ईवा कोलोरी से शादी की, और उनके दो बच्चे हुए एक बेटी इंद्रानी, न्यूयॉर्क में पत्रकार और पुत्र कबीर एक हिप हॉप कलाकार। 1991 में, सेन ने एम्मा जॉर्जीना रोथस्चल्ड से शादी की, जो हार्वर्ड विश्वविद्यालय में जेरेमी और जेन नोल्स के प्रोफेसर के रूप में कार्य करता है।

अमर्त्य सेन के द्वारा अर्जित पुरस्कारों की सूची

1. वर्ष 1954 में एडम स्मिथ प्राइज़ मिला।
2. वर्ष 1981 में फ़ोरेन आनरेरी मेम्बर ऑफ द अमेरिकन अकैडमी ऑफ आर्ट्स एंड साइंसेज
3. वर्ष 1984 में इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइसेंज नें आनरेरी फ़ेलोशिप प्रदान की।
4. वर्ष 1998 में अर्थशास्त्र विषय में नोबेल प्राइज़ जीता।
5. वर्ष 1999 में बांग्लादेश की आनरेरी राष्ट्रीयता हासिल की।
6. वर्ष 1999 में “भारत रत्न” अवार्ड जीता।
7. वर्ष 2000 में आर्डर ऑफ़ कंपैनियन ओफ़ ऑनर, बनें (यू के)।
8. वर्ष 2000 में लेओन्तीएफ़ पुरस्कार हासिल किया।
9. वर्ष 2000 में आइजनहावर मैडल फॉर लीडरशिप एंड सर्विस मिला।
10. वर्ष 2001 में अमर्त्य सेन 351 वें स्प एट हार्वर्ड बनें।
11. वर्ष 2004 में इंडियन चैम्बर्स ओफ़ कॉमर्स द्वारा लाइफ टाइम अचिवमेंट पुरस्कार दिया गया।
12. वर्ष 2005 में यूनिवर्सिटी ओफ़ पाविया से ओनरेरी डिग्री मिली।
13. वर्ष 2011 में नेशनल ह्यूमैनिटीज मैडल प्राप्त किया।
14. वर्ष 2012 में ऑर्डर ओफ़ द एज़टेक ईगल सम्मान मिला।
15. वर्ष 2013 में कमांडर ओफ़ द फ्रेंच लीजन ओफ़ ऑनर दिया गया।
16. वर्ष 2014 में अमर्त्य सेन का नाम ए॰ डी॰ टी॰ वी॰ द्वारा 25 ग्रेटेस्ट ग्लोबल लिविंग लेजेंड्स इन इंडिया“ में शामिल किया गया।
17. वर्ष 2015 में चार्ल्स्टन ई॰ एफ़॰ जी॰ जॉन मेनार्ड किन्स अवार्ड जीता।

अमर्त्य सेन की दस प्रसिद्ध किताबें

  • पावर्टी एंड फेमाइंस (वर्ष 1981)
  • ऑन एथिक्स एंड इकोनोमिक्स (वर्ष 1987)
  • कोमोडिटीज़ एंड केपेबिलिटीज़ (वर्ष 1987)
  • हंगर एंड पब्लिक एक्शन (विथ जेन डेरेज) (वर्ष 1989)
  • इनइक्वालिटी रीएक्सामिंड (वर्ष 1992)
  • ऑन इकोनोमिक इनइक्वालिटी (वर्ष 1997)
  • डेवलपमेंट एज़ फ़्रीडम (वर्ष 1999)
  • इंडिया : डेवलपमेंट एंड पार्टीसीपेशन (विथ जेन डेरेज) (वर्ष 2002)
  • द आर्गयुमेंटेंटिव इंडियन (वर्ष 2005)
  • आइडेंटिटी एंड वायलेन्स (वर्ष 2006)

अमर्त्य सेन के अनमोल विचार

महान अर्थशास्त्री अमर्त्य सेन का कहना है कि-

नारीजाती को बल प्रदान करने पर हम उस भविष्य को हासिल कर सकते हैं जो हम चाहते हैं।

गरीबी के बारे में अमर्त्य सेन नें कहा है कि –

          दरिद्रता मानव को सिर्फ अपनी आर्थिक ज़रूरतें पूरी करने से नहीं रोकती हैं वह एक इन्सान को अपनी वास्तविक प्रतिभा अनुसार                   प्रदर्शन करने से भी रोक देती है।

उनका मानना है कि –

मानवजाती के विकास में निवेश किए बिना किसी भी अर्थतंत्र का उदय संभव नहीं है।

अमर्त्य का अर्थ: “अमर्त्य” का शाब्दिक अर्थ अमर होता है। अर्थशास्त्र के माध्यम से विश्व पर अपनी अमिट छाप छोड़ने वाले अमर्त्य सेन ने वास्तविकता में अपना नाम अमर कर दिया है। हम उन्हें सादर नमन करते हैं और उनके स्वस्थ व दीर्घायु जीवन की कामना करते हैं।

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